खालसा महिमा वाक्य
उच्चारण: [ khaalesaa mhimaa ]
उदाहरण वाक्य
- खालसा महिमा खालसा की परिभाषा और खालसा के कृतित्व |
- सतगुर गोबिंद सिंह ने खालसा महिमा में खालसा को “काल पुरख की फ़ौज” पद से निवाजा है
- सरब्लोह ग्रन्थ ओर भाई गुरदास की वारें शंका ग्रस्त रचनाए हैं | हलाकि खालसा महिमा सर्ब्लोह ग्रन्थ में सुसजित है जो सतगुरु गोबिंद सिंह की प्रमाणित रचना है, बाकी स्र्ब्लोह ग्रन्थ में कर्म कांड, व्यक्ति पूजा इतियादी विशे मोजूद हैं जो सिखों के बुनयादी उसूलों के खिलाफ हैं | भाई गुरदास की वारों में मूर्ती पूजा, कर्म सिधांत आदिक गुरमत विरुद्ध शब्द दर्ज हैं
- सतगुर गोबिंद सिंह ने खालसा महिमा में खालसा को “काल पुरख की फ़ौज” पद से निवाजा है | तलवार और केसकी तो पहले ही सिखों के पास थे, सतगुर गोबिंद सिंह ने “खंडे बाटे की पाहुल” तयार कर कछा, कड़ा और कंघा भी दिया | इसी दिन खालसे के नाम के पीछे “सिंह” लग गया | शारीरिक देख में खालसे की भिन्ता नजर आने लगी | पर खालसे ने आत्म ज्ञान नहीं छोड़ा, उस का परचार चलता रहा और मौके पर तलवार भी चलती रही |
- सतगुर गोबिंद सिंह ने खालसा महिमा में खालसा को “काल पुरख की फ़ौज” पद से निवाजा है | तलवार और केसकी तो पहले ही सिखों के पास थे, सतगुर गोबिंद सिंह ने “खंडे बाटे की पाहुल” तयार कर कछा, कड़ा और कंघा भी दिया | इसी दिन खालसे के नाम के पीछे “सिंह ” लग गया | शारीरिक देख में खालसे की भिन्ता नजर आने लगी | पर खालसे ने आत्म ज्ञान नहीं छोड़ा, उस का परचार चलता रहा और मौके पर तलवार भी चलती रही |